यह ब्लॉग खोजें

नमस्कार आप सभी को चौधरी अक्षर ज्योतिष :

नमस्कार आप सभी को चौधरी अक्षर ज्योतिष :
जगदीश भाई चौधरी

बुधवार, 6 जुलाई 2011

अक्षर गंगा

आज में वृह्म्मांड के उस पिलेट्फार्म पर खड़ा हूँ :
जहां से मुझे सारी कायनात अक्षर ही नजर आती है :
मेरी जहां तक नजर जाती है :अक्षर ही नजर आते है :
सतयुग से लेकर कलयुग  तक :
गीता से लेकर रामायण तक :
और रामायण से लेकर पुराणो तक :
और पुराणो से लेकर वेदों तक :
मुझे अक्षर ही नजर आते है :
अगर ये अक्षर न होते तो क्या होता :
मेरी नजर से देखो तो न मानव होता न दानव होता :
न आकाश न पाताल होता :
न पृथ्वी होती न कोई भूमंडल  होता :
होता तो बस शून्य होता :
मेरे अंदाज पहले शून्य ही होगा :
लेकिन शून्य होगा तो शून्य का मतलव है निराकार :
और निराकार को साकार बनाने बाला कोंन है :
हिन्दू धर्म के हिशाव से तो
वृह्म्मा  विष्णु  महेश है :अगर   वृह्म्मा  विष्णु  महेश है :
तो  इन तीनो के  नाम किसने रक्खे थे :
वो नाम रखने बाला कोंन था :
इन तीनो देवो के  नाम रखने के लिए अक्षर कहाँ  से आये थे :
हम ने बुजुर्गो के मुख सूना है :
की वृह्म्मा जी कमल के   फूल में से  निकले थे :
अथाल जल में  कमल आया कहाँ से :
उस कमल हो उगाने बाला कोंन था :
में मानता  हु  की कमल पानी में उगता है :
मगर यहाँ पर भी कई सवाल खड़े होते है :
की बिना हवा के बिना उर्जा के कमल खिला केसे :
और वृह्म्मा जी बाहर निकले केसे :?
 में मानता हु  कि आपकी नजर में ये मूड ज्ञान है :
मगर सब से बड़ा सवाल एक और भी है :
कि इतना जल { पानी } आया कहाँ से :
क्या जल को भी कोई गंगा कि तरह  लाया  था :
अगर लाया गया था तो वो कोन था ?
और जल { पानी } किस ने नाम रक्खा ? क्या अक्षर  तव  भी थे
वृह्म्मा जी से पहले भी कोई था ?अगर था तो वो कोन था :?
और पानी वहां पर पहले  से ही था तो इतना पानी आया कहाँ से ?
विज्ञान कहती है :कि पानी की उत्तपति  आग से होती  है :
अगर पानी की उत्तपति आग से हुई है :तो उस समय तो आग हो ही नही सकती :
इसका मतलव है आकाश गर्म है :
और आकाश गर्म है तो उसे गर्म करने बाला कोन है ?
क्या वो भगवान है : जो अपनी सकती से  आकाश को गर्म कर रहे है :
या अक्षरों कि सकती इतनी है   :
इसकी खोज अभी चालू है :
इस बिसे में किसी के पास अगर कोई जानकारी है तो हमें मेल करे :
इमेल :chiraglunawada@yahoo.com  पर या हमें फोन करे :
09904271497 पर :
लेखक :जगदीश भाई चौधरी

..........................................................................................................

मंगलवार, 5 जुलाई 2011

[] शनिदेव क़ी साडेसाती से मुक्त किया जासकता है साड़े सात मिनट में {}


SBHI   मुझ से बड़े महान पुरुषो को ज्योतिष और शास्त्री  को और सभी गुरू जानो को :  जगदीश भाई चौधरी का बार बार नमन :में जो भी लिखता हूँ मानव के हित के लिए लिखता हूँ :सभी लेखो को लिखने में न मेरा कोई स्वाथ है  ना HI  मुझे कोई  लोभ है न मुझे किसी भी प्रकार का कोई लालच है  :ना ही मुझे नाम कमाने का  SHOKH है :में अपने गुरु के आशिर्बाद से और भगवान क्रपा से  मातारानी की महेरवानी से सर्व सुखी इन्शान हूँ :
में जो ज्योतिष करता हूँ :
उसकी कोई फी कि कोई भी और किसी भी प्रकार की GIFT   SVIKAR  नही करता :
अगर मेरी लेखनी में कोई भूल होती है :
 तो में  KSHMA  पात्र हूँ :क्यों आज में लिखने जारहा हूँ  :
वो कोई आशान चीज नही है  :जिस के मारे सारी दूनियाँ दहलाती है :
जिसका नाम सुनते ही:
लोगो के SHRIR  कांपने लगते है  :
भगवान हो या देव :
नाम सुनते पसीना आजाता हैं :
क्यों कि वो हैं शनिदेव :
जिस समय सनी क़ी साड़ेसाती आती हैं :
राजा को भी फकीर बनाजाती है :
मगर अक्षरों को शनिदेव ने भी काफी मान दिया हैं :
क्यों कि अक्षरों से ही सभी देवी देवताओ के  यंत्र मन्त्र बनते है :
आरती हो या अराधना होती है स्तुति हो या बिनती हो :
अक्षरों से ही कि जाती है :
इसी लिए अक्षरों को सभी देवो ने  भी अपने से बढकर माना है :
जब सभी देवो ने अक्षरोंको अपने बड़कर  माना है तो इन्शान क्यों नही मानेगे :
जरुर मानेगे आज नही तो कल मानेगे :
फर्क इतना होगा कि पड़ने के लिए चौधरी अक्षर ज्योतिष तो होगी :
मगर समझाने के लिए जगदीश भाई चौधरी नही होंगे :
क्यों कि अमर कोई नही रहा तो हम कहाँ हौंगे
अक्षरों के सिवा :इस दूनियाँ में कोई अमर नही है :
अक्षर अमर है और अमर ही रहेगे :
जिन्होंने अक्षरों KO पूरी तरह जाना है :
WO अमर होगये :HAI
और जिन्होंने अक्षरों नही जाना वो मिट्टी में मिल गये :
अक्षरों का इतिहास बहुत बड़ा है आगे और भी लिखता रहुगा अगर ISHVAR  कि क्रपा बनी रही तो और अक्षरों ने साथ दिया तो :OR BHI AAGE LIKHTA RHUGA
अब आते है मेंन  बात पर :
तो MERE  प्रिय जानो अक्षर कि सकती के बल से :
विश्व के किसी भी कौने में इन्शान हो और उसपर शनिदेव क़ी साड़े साती चल रही हो  तो अक्षरों  से ही शनिदेव की साड़े साती को साड़े सात मिनट  में आजीवन के लिए
अक्षर क़ी सकती से शनिदेव क़ी साडेसाती से मुक्त किया जासकता है  FON पर ही  FON  न 9904271497
LEKHK : JAGDISH BHAI CHAUDHRY
लेखक जगदीश भाई  चौधरी परा  बाजार लुनावाडा  गुजरात  

रविवार, 26 जून 2011

{} भाग्य हिन् संतान :कौन से कारण बस पैदा होती हैं जाने चौधरी अक्षर ज्योतिष मैं {}

भाग्य   हिन् संतान कौन से कारण बस   पैदा होती हैं  जाने  {}
{1} पिता  को नारी दोस हो............
-  और  पिता  की उस अवस्था में'अक्षर  स्वर अन्दर  का चल रहा हो
- अथवा तो पिता को जन्म जात दोस हो  ::
माता का भी अक्षर  स्वर अंदर का हो  तो
भाग्य   हिन् संतान   पैदा होती हैं :
.............................................................................................................................
{२} रात्रि के समय माता पिता दोनों के चन्द्र स्वर बंद हो
और सूर्य स्वर चालू हो उस समय की हुई सन्तान में बुद्धि  की कमी होती है :
................................................................................................................
{ ३ }दिन के समय माता पिता दोनों के सूर्य स्वर बंद हो   
और चन्द्र स्वर चालू  हो उस समय की हुई सन्तान में आखो  की कमी के साथ साथ बुद्धि की कमी होती है :
.................................................................................................................
{ ४ }दिन के समय  पिता दोनों के सूर्य स्वर बंद हो   :
पिता  को नारी दोस हो ने  के साथ साथ पिता का अक्षर स्वर बंद का चल रहा हो
-  और  माता को जन्म ज़ात दोस हो :
या माता का  अक्षर स्वर अंदर हो तो गर्भ में बच्चे की म्रत्यु हो जाती  है  :
............................................................................................................................
{ ५ }रात्रि के समय माता पिता दोनों के चन्द्र स्वर बंद हो पिता  को नारी दोस हो ने  के साथ साथ पिता के नाम में मारकेश अक्षर स्वर बंद का चल रहा हो

-  और  माता को जन्म ज़ात दोस हो :
या माता का  अक्षर स्वर अंदर हो:
या माता का अक्षर स्वर बंद का हो तो गर्भ में बच्चे की म्रत्यु हो जाती  है  :......................................................................................................................

अधिक जानकारी के लिए हम से सम्पर्क करे :
फोन न ९१ .9904271497......................................................................................................................

मंगलवार, 26 अप्रैल 2011

भारत के लिए एक संदेश :चौधरी अक्षर ज्योतिष :

चौधरी अक्षर ज्योतिष :भारत की ही नही  बिश्व की पहली अक्षर ज्योतिष है :
जिसे ३२ साल की महेनत के बाद पूण किया गया है :
और हजारो लोगो पर रिसर्च किया गया है :
सभी ने इस अक्षर ज्योतिष की  काफी सराहना की है :
अब हम ये चाहते है कि केंद्र सरकार:
सभी राज्यों में राज्य भाषा में चेंज कर के कोलेज के स्टुडेंट्स को पढाया  जाय :
जिससे वे अपने जीवन को खुशहाल बना सके :
भारत की कल्याण कारी  ज्योतिष :अक्षर ज्योतिष:
सब से बड़ी बात तो इस अक्षर ज्योतिष की ये है कि :
इस अक्षर ज्योतिष से  इन्शान अपना भूतकाल भविषकाल और बर्तमान "
आसानी से देख सकता  है:
और उनका उपाय भी  कर सकता है  :
औरअंधश्रधा अंध विस्वाश और अंधकार से  बाहर निकल सकता है :
इस अक्षर ज्योतिष की सबसे बड़ी सकती है :कि
इन्शान अपने बारे में पूरी तरह से जान जाता है :
कि मुझे क्या करना चाहिए और क्या नही :
बच्चे के नाम कर्ण से लेकर शादी विवाह नोकरी :
घर का वास्तु :दिशासुर :नारी दोस :पितृ दोस :
मकान दोस भूमि दोस अक्षर ज्ञान जेसी बाते इस :
अक्षर ज्योतिष है :उपायों के साथ :उपलध है :
.................................................................
अधिक जानकारी के लिए हम से सम्पर्क करे :
फोन न ९१ .9904271497
.......................................................

रविवार, 27 फ़रवरी 2011

{ बंस को डुबोने बाला मकान }


                         : मेरे प्रिय दोस्तों :
                                            बंस डुबोने बाला मकान :के बिसे में आप सायद   नही जानते  होगे :     
                                  में आज बो बात बताने जारहा हु :जो शायद  आपने नही सुनी होगी : मेरे प्रिय दोस्तों :
                              आगे से जादा  चोडाइ बाला मकान  और पीछे  से कम चोड़ाई बाला मकान जो होता है
            वो मकान बंस डुबो ने बाला मकान होता है :महर बानी कर के एसा मकान  कभी भी भूल से भी न बनाए :
                  और न एसा कोई पिलोत ख़रीदे :क्यों कि बंस के साथ साथ घर का सर्ब नास करता  है :
                                    लेखक :जगदीश भाई चौधरी :
                                                      फोन न .919904271497

{;क्या आप सनी की साड़ेसाती से परे शान है }


                                                                       :प्रिय दोस्तों :
सभी ज्योतिषियों कहना है:
 कि सनी की साड़े शाती इन्शान की जिन्दगी में तीनबार आती है :
सबसे पहले बचपन में
:दूसरी जवानी में :
 और तीसरी बुदापे में :
बचपन की साड़े साती खास असर नही करती :
बच्चो पर :
जवानी की साड़े साती कुछ नही छोडती
इन्शान को तवाह कर देती है :
और बुदापे की साड़े साती
इन्शान को ही नही छोडती :
क्या ये सच है :
अक्षर ज्ञान ज्योतिष :के हिसाब से
 सनी की साड़े साती होती ही नही है :
अगर सनी की साड़े साती होती hai ::तो
 इन्शान को साड़े सात साल बाद तो
राहत मिलती मेने अपने जीवन में ऐसे इन्शानो को देखा है :
जो बचपन से लेकर बुदापे तक दुःख उठाते देखा है :
उस की  जिन्दगी में साड़े साती उतरी ही नही है  
:ये केसी साड़े साती है  :
अगरआप ऐसी किसी  सनी की साड़े शाती से परेशान है
 :या सनी की ढइया से हेरान है :
तो घबराओ नही :
 अक्षर ज्ञान ज्योतिष में इस का उपाय है :
क्यों कि अक्षर ज्ञान ज्योतिष ऐसी किसी साड़े साती को नही मानता :
क्यों कि अक्षर का सुर इन्शान को बर्बाद करता है
अधिक जान कारी के लिए
 मेल करे या फोन करे :
लेखक :जगदीश भाई चौधरी :फोन न 919904271497  :
फ्री सेवा है  सभी के लिए :

{} अक्षर ज्योतिष {}


चौधरी अक्षर ज्योतिष एक इसी ज्योतिष है जो सब से अलग है :
ये अक्षर के ज्ञान से बनी ज्योतिष है:
 इस अक्षर ज्योतिष में सब से पहले देखा जाता है:
 इन्सान का नाम :
फिर  माता पिता का नाम ::
और फिर बीबी और बेटे का नाम:
 इन सब के नामो के अक्षरो को मिलाके भविष्य कहा जाता : hai
ये अक्षर ज्योतिष  में अक्षरोंको  मिलाने के बाद फिर अक्षरों का सुर देखना    पड़ता है :
उस के बाद ये देखना पड़ता है :
कि कोनसा अक्षर कोनसे अक्षर को  मार रहा है
 फिर ये भी देखना पड़ता है :
कि किसका अक्षर किसके अक्षर को  मार रहा है
एसी कोंसी बजए है जो घर में मुसीबत आई है :
और किस तरह की  मुसीबत आने बाली है
 इन अक्षरों से पता पड़ता है :और ये जानना जरूरी है :
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
                                             {  मुसीबत क्यों आती है }
                                       ..........................................................      
मुसीबत आने के कारण ये है
कही आप का नाम दिसा सुर तो  नही है
:कही आपको जन्म जात दोस तो नही है :
कही आपका मकान दोस तो नही है
 कही आपका मकान दिशा सुर टी नही है :
कही आप को नारी दोस तो नही है
:कही पुत्र दोस तो नही है :
कही देव दोस तो नही है :
कही आप को पितृ दोस तो नही है :
कही आप को नगर दोस तो नही है :
ये सबकुछ पता चलता है :
आपके नाम के अक्षरों से और अधिक जानकारी के लिए :
...........................................................................................
रूबरू मिले :पता :
हेनी गारमेंट परा बजार लुनावाडा पंच महल गुजरात {  इण्डिया :}
या सम्पर्क करे facebook .com
 पर या मेल करे
chiraglunawada@yahoo.com  पर
या फोन करे
 919904271497
 लेखक ज्योतिषी
 जगदीश भाई चौधरी :
                      :  फ्री सेवा सभी के लिए :