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नमस्कार आप सभी को चौधरी अक्षर ज्योतिष :

नमस्कार आप सभी को चौधरी अक्षर ज्योतिष :
जगदीश भाई चौधरी

मंगलवार, 5 जुलाई 2011

[] शनिदेव क़ी साडेसाती से मुक्त किया जासकता है साड़े सात मिनट में {}


SBHI   मुझ से बड़े महान पुरुषो को ज्योतिष और शास्त्री  को और सभी गुरू जानो को :  जगदीश भाई चौधरी का बार बार नमन :में जो भी लिखता हूँ मानव के हित के लिए लिखता हूँ :सभी लेखो को लिखने में न मेरा कोई स्वाथ है  ना HI  मुझे कोई  लोभ है न मुझे किसी भी प्रकार का कोई लालच है  :ना ही मुझे नाम कमाने का  SHOKH है :में अपने गुरु के आशिर्बाद से और भगवान क्रपा से  मातारानी की महेरवानी से सर्व सुखी इन्शान हूँ :
में जो ज्योतिष करता हूँ :
उसकी कोई फी कि कोई भी और किसी भी प्रकार की GIFT   SVIKAR  नही करता :
अगर मेरी लेखनी में कोई भूल होती है :
 तो में  KSHMA  पात्र हूँ :क्यों आज में लिखने जारहा हूँ  :
वो कोई आशान चीज नही है  :जिस के मारे सारी दूनियाँ दहलाती है :
जिसका नाम सुनते ही:
लोगो के SHRIR  कांपने लगते है  :
भगवान हो या देव :
नाम सुनते पसीना आजाता हैं :
क्यों कि वो हैं शनिदेव :
जिस समय सनी क़ी साड़ेसाती आती हैं :
राजा को भी फकीर बनाजाती है :
मगर अक्षरों को शनिदेव ने भी काफी मान दिया हैं :
क्यों कि अक्षरों से ही सभी देवी देवताओ के  यंत्र मन्त्र बनते है :
आरती हो या अराधना होती है स्तुति हो या बिनती हो :
अक्षरों से ही कि जाती है :
इसी लिए अक्षरों को सभी देवो ने  भी अपने से बढकर माना है :
जब सभी देवो ने अक्षरोंको अपने बड़कर  माना है तो इन्शान क्यों नही मानेगे :
जरुर मानेगे आज नही तो कल मानेगे :
फर्क इतना होगा कि पड़ने के लिए चौधरी अक्षर ज्योतिष तो होगी :
मगर समझाने के लिए जगदीश भाई चौधरी नही होंगे :
क्यों कि अमर कोई नही रहा तो हम कहाँ हौंगे
अक्षरों के सिवा :इस दूनियाँ में कोई अमर नही है :
अक्षर अमर है और अमर ही रहेगे :
जिन्होंने अक्षरों KO पूरी तरह जाना है :
WO अमर होगये :HAI
और जिन्होंने अक्षरों नही जाना वो मिट्टी में मिल गये :
अक्षरों का इतिहास बहुत बड़ा है आगे और भी लिखता रहुगा अगर ISHVAR  कि क्रपा बनी रही तो और अक्षरों ने साथ दिया तो :OR BHI AAGE LIKHTA RHUGA
अब आते है मेंन  बात पर :
तो MERE  प्रिय जानो अक्षर कि सकती के बल से :
विश्व के किसी भी कौने में इन्शान हो और उसपर शनिदेव क़ी साड़े साती चल रही हो  तो अक्षरों  से ही शनिदेव की साड़े साती को साड़े सात मिनट  में आजीवन के लिए
अक्षर क़ी सकती से शनिदेव क़ी साडेसाती से मुक्त किया जासकता है  FON पर ही  FON  न 9904271497
LEKHK : JAGDISH BHAI CHAUDHRY
लेखक जगदीश भाई  चौधरी परा  बाजार लुनावाडा  गुजरात  

1 टिप्पणी:

om sai ने कहा…

aapne bilkul sahi kaha akshr hi hai jise bol ker log dost or dushman bante hai. bagwaan bhi jab aashirwad dete the to akshr se bane shabd se or shrap dete to bhi akshr se bane shabd se. jaise kisi ke liye tum ki jagah aap bola jaye to sunne wale ko bhi acha lagta hai or apnapan bhi, us insan ki sabhyata ke bare mai bhi pata chalta hai.aise hi sabhi kuch sirf akshr sai hi juda hai.
thanks aapka humko ye gyan dene ke liye. hum aksar choti choti baat per dhyan nhi dete jo ki jaruri hai.